मुहर्रम के मातमी जुलूसों का दौर शुरू
मंगलौर के मोहल्ला हल्का और पठानपुरा से निकले जुलूस
मंगलौर नगर में शुरू हुआ मोहर्रम के मातमी जुलूसों का सिलसिला-आठवीं मोहर्रम पर नगर के मोहल्ला हल्का में निकाला गया मातमी जुलूस।
अलमदार ए कर्बला हजरत अब्बास की शहादत को याद करने के लिए आठवीं मोहर्रम मनाई जाती है। इस मौके पर हजरत अब्बास के अलम लेकर लोग इमामबाड़ों में सजाते हैं। आठवीं मोहर्रम पर नगर के मोहल्ला हल्का स्थित छोटे इमामबाड़े से मातमी जुलूस निकाला गया जिसमें भारी संख्या में लोगों ने भाग लिया।
जुलूस में हजरत अब्बास का अलम तथा जुल्जना भी शामिल रहे। सोमवार को नगर के मोहल्ला हल्का स्थित छोटे इमामबाड़े पर आठवीं मोहर्रम की मजलिस का आयोजन हुआ जिसकी शुरुआत सोजो सलाम तथा मर्सियों के साथ हसन राजा, समर अब्बास, गुलाम हुसैन आदि ने की।
मजलिस को अलीगढ़ उत्तर प्रदेश से पधारे मौलाना सैयद मोहम्मद अली ने संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि हजरत इमाम हुसैन के साथ जितने भी साथी थे वह सब एक से बढ़कर एक बहादुर था लेकिन जब हज़रत अब्बास का जिक्र आता है तो उनकी बहादुरी की मिसाल नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि कर्बला के मैदान में यजीद की फौज द्वारा हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों पर पानी बंद कर दिया गया था जबकि रेगिस्तान की तपती धूप में हर किसी को पानी की आवश्यकता थी।
उन्होंने कहा कि इमाम हुसैन ने हजरत अब्बास को जंग करने की इजाजत नहीं दी थी लेकिन जब बच्चों को पानी के लिए तड़पता देख तो अपने भाई से केवल पानी की व्यवस्था करने के लिए कहा था। उन्होंने कहा कि जब हज़रत अब्बास अलमदार पानी लेने के लिए नहर ए फरात पर पहुंचे तो उनको देखकर ही जालिम फौज में भगदड़ मच गई थी जब वह पानी लेकर वापस पलट रहे थे तब चारों ओर से दुश्मनों ने उन पर तीर बरसाए यहां तक कि उनके दोनों हाथ कट गए उसके बाद भी उनके द्वारा पानी पहुंचाने का प्रयास किया गया लेकिन तीरों की बरसात इस कदर हुई की उनकी शहादत हो गई। उसी बहादुर अलमदार की शहादत को याद करते हुए मोहर्रम की आठ तारीख मनाई जाती है।
बाद में इमामबाड़े से जुलूस बरामद हुआ। हैदरी चौक पर पहुंच कर अजादारों ने जंजीर का मातम किया तथा अपने शरीर लहूलुहान कर लिए। निर्धारित मार्ग से होता हुआ जुलूस कर्बला पहुंच जहां से वह अपने निर्धारित मार्ग से वापस इमामबाड़े पर आकर देर शाम संपन्न हो गया। जुलूस के संचालक मंडल में चौधरी जहीर हसन, मौलाना नूर आलम, मोहम्मद तजवीर, शाहनवाज हुसैन, हसन अली, आशिक हुसैन, मोहम्मद बाकिर, तस्वीर अब्बास उर्फ छोटा, कासिम हुसैन नबी हसन आदि शामिल रहे।
रविवार की रात को सातवीं मोहर्रम के अवसर पर परंपरागत रूप से निकाले जाने वाला नगर के मौहल्ला पठानपुरा स्थित बड़े इमामबाड़े से निकाला गया। इससे पहले पठानपुरा स्थित इमामबाड़ा बाबुल मुराद में मजलिस का आयोजन हुआ जिसको मौलाना अली रजा ने संबोधित किया।
मजलिस के बाद शबीहे जुल्जना एवं अलम बरामद किए गये। बड़े इमामबाड़े से शुरू होकर जुलूस बाबुल मुराद, बारगाहे जैनबिया पहुंचा। दरबार ए हुसैन से आने वाला जुलूस भी यहीं पर शामिल हो गया यहां से संयुक्त रूप से यह जुलूस लंढौरा रोड चुंगी नंबर तीन, शहर पुलिस चौकी के सामने होता हुआ मोहल्ला टोली के भीतरी भाग को होकर सुबह के समय पठानपुरा स्थित बड़े इमामबाड़े पर आकर शांतिपूर्ण संपन्न हुआ। जुलूस का संचालन अमीर हैदर जैदी, अली मेहंदी ज़ैदी, नवाब अली जाफरी एवं रजब अली आरफी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।