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मंगलौर पालिकाध्यक्ष की बढ़ी मुश्किलें

हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किया

उत्तराखंड के हरिद्वार जिले की मंगलौर नगर पालिका के तत्कालीन पालिकाध्यक्ष हाजी दिलशाद की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, हाई कोर्ट ने नोटिस जारी कर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं।

हरिद्वार जिले की मंगलौर नगर पालिका में अनियमितताओं के आरोपों से घिरे तत्कालीन पालिका अध्यक्ष को हाईकोर्ट ने एक माह का नोटिस जारी कर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं मामले की अगली सुनवाई 22 अक्टूबर को होगी मंगलौर के मोहम्मद याकूब द्वारा दायर की गई जनहित याचिका पर दोनो पक्षों कोनसुन्ने के बाद कोर्ट ने 22 अक्टूबर को फिर से सुनवाई करने और हाजी दिलशाद को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने के आदेश जारी किए हैं।

आपको बता दें की तत्कालीन पालिका अध्यक्ष द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान की गई अनियमित को लेकर दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश न्याय मूर्ति रितु बाहरी एवं मूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सुनवाई की दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 22 अक्टूबर नियत की शुक्रवार को ही सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कोर्ट से कार्यवाही करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि मामले की जांच के लिए कमेटी गठित कर ली गई है कमेटी की रिपोर्ट अभी आई नहीं है।

इस मामले में मंगलौर निवासी मोहम्मद याकूब ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि मंगलोर के पालिका अध्यक्ष पद पर रहते हुए हाजी दिलशाद ने डोर टू डोर कूड़ा निस्तारण समेत पालिका द्वारा कराए गए निर्माण कार्यों में सरकारी धन का दुरुपयोग किया है याचिका कर्ता का कहना है कि तत्कालीन पालिका अध्यक्ष ने स्कूल द्वारा बनाई गई दीवार को नगर पालिका का निर्माण दिखाकर नगर पालिका के कोष से पैसा निकाल लिया है याचिका में संपूर्ण मामले की जांच कर दंडात्मक कार्रवाई की मांग की गई है।

आपको बताते चलें की कानूनी प्रक्रियाओं के चलते डॉक्टर शमशाद कभी अपने नाम से चुनाव में नही उतरते लेकिन अपने परिवार से किसी को भी चुनाव में उतारकर पूरी राजनीति खुद से करते हैं ,पालिकाध्यक्ष भी नाम का ही होता है इसलिए डॉक्टर शमशाद पर तो इस कानूनी कार्यवाही का कोई फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन उनके भाई हाजी दिलशाद के खिलाफ होने वाले इन मुकदमा का सीधा असर ये पड़ेगा की इस बार के चुनाव में शायद ही उनके परिवार का कोई सदस्य अब उनके कहने पर अपना नामांकन दाखिल करे,हाजी दिलशाद और डॉक्टर शमशाद में तो इस कानूनी कार्यवाही की वजह आपस में मतभेद होना लाजमी है।

ही दूसरी और मंगलौर की जनता भी ये जानती है की हाजी दिलशाद तो सिर्फ नाम के चेयरमैन हैं बाकी करता धर्ता तो डॉक्टर शमशाद ही हैं इसलिए इन मुकदमों की वजह से डॉक्टर शमशाद को अपनी चुनावी जमीन बचाना मुश्किल हो सकता है।

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