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गरीब परिवारों के बच्चे कैसे फंस रहे जुर्म की दलदल में

विश्नोई गैंग के शूटर्स बेहद गरीब पृष्ठभूमि से

लॉरेंस बिश्नोई जी हां ये वही नाम है जो लगातार भारत के माफियाओं में बड़ा नाम बनता जा रहा है पहले पंजाबी गायक सिद्धू मूजेवाला का मर्डर उसके बाद सलमान खान के घर पर फायरिंग और अब बाबा सिद्दीकी का मर्डर ।मुंबई के बांद्रा में एनसीपी अजित पवार गुट के नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद फिर से गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का नाम सुर्खियों में आ गया है। इस बीच यह जानकारी सामने आई है कि लॉरेंस बिश्नोई का गैंग किस तरह से युवाओं को अपनी गैंग में शामिल करता है और कैसे गरीब परिवारों के लड़के इस अपराध की दुनिया में फंस जाते हैं।लॉरेंस बिश्नोई गैंग में युवाओं की भर्ती का एक खास तरीका है। दरअसल, जब भी लॉरेंस बिश्नोई को कोर्ट या जेल ले जाया जाता है, तो उसके साथी (जो जेल के बाहर होते हैं) उसकी वीडियो बनाते हैं। इन वीडियोज़ में लॉरेंस कभी अपनी मूंछें ताव देता है और कभी कैमरे की ओर देखकर मुस्कराता है। ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैलाए जाते हैं और इनका खास प्रभाव गरीब और वंचित तबके के युवाओं पर पड़ता है।लॉरेंस बिश्नोई के इस सोशल मीडिया प्रचार से प्रभावित होकर युवा लड़के भी लॉरेंस जैसा बड़ा डॉन बनने का सपना देखने लगते हैं। वे सोशल मीडिया के जरिए लॉरेंस के गुर्गों के संपर्क में आते हैं और इन गुर्गों के माध्यम से लॉरेंस इन्हें अपराध की दुनिया में धकेल देता है। गैंग में शामिल होने वाले युवाओं को हत्या, धमकी देना और अपराध की अन्य गतिविधियों में लगाया जाता है, जिससे उनका जीवन अपराध की दुनिया में डूब जाता है।सबसे चिंताजनक बात यह है कि पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला और बाबा सिद्दीकी की हत्या में जिन शूटरों ने गोली चलाई, वे सभी नाबालिग थे। ये युवा लड़के बड़े गैंग के प्रभाव में आकर अपराध की दुनिया में शामिल हो जाते हैं। कई बार तो स्थानीय अपराधी भी लॉरेंस और उसके भाई अनमोल बिश्नोई का नाम लेकर धमकी भरे वीडियो बनाते हैं ताकि वे अपने इलाके में दहशत फैला सकें और अपनी पकड़ मजबूत कर सकें।हाल ही में खबर आई थी कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग का मुख्य उद्देश्य बाबा सिद्दीकी की हत्या के पीछे मुंबई और बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान को आतंकित करना था। इसके अलावा, इस हत्या का एक और मकसद मुंबई के अंडरवर्ल्ड और डॉन दाऊद इब्राहिम को संदेश देना भी था। पुलिस जांच में दाऊद कनेक्शन का भी खुलासा हुआ है और इस पर जांच चल रही है।मुंबई पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि बाबा सिद्दीकी की हत्या से पहले शूटरों ने उनके घर और ऑफिस की 28 दिनों के अंदर 5 बार रेकी की थी। वे उनके घर और ऑफिस के आसपास कई घंटों तक रहते थे और उनकी हर गतिविधि पर नजर रखते थे। रेकी के बाद उन्होंने हत्या के लिए दशहरा का दिन चुना। इस पूरी साजिश को ज़ीशान अख्तर नामक आरोपी ने अंजाम दिया, जो हत्या के समय मुंबई से बाहर था। ज़ीशान मुंबई से बाहर रहते हुए पूरी योजना को संचालित कर रहा था और शूटरों को निर्देश दे रहा था।लॉरेंस बिश्नोई गैंग की बढ़ती ताकत और सोशल मीडिया पर उसका प्रभाव अब कानून व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। लॉरेंस और उसके गुर्गों के वीडियोज़ ने कई युवाओं को अपराध की दुनिया में धकेल दिया है। ये युवा गैंग के प्रभाव में आकर अपराध की दुनिया में कदम रख देते हैं और ऐसे काम करने लगते हैं, जिनसे उनका जीवन बर्बाद हो जाता है।पुलिस लगातार इस गैंग के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, लेकिन सोशल मीडिया के माध्यम से लॉरेंस बिश्नोई और उसका गैंग नई पीढ़ी को अपराध की ओर धकेल रहा है। इस बढ़ते अपराध को नियंत्रित करना अब पुलिस और सरकार के लिए एक गंभीर चुनौती बन गया है।

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