भारतीय किसान यूनियन (तोमर) ने एक निजी अस्पताल के विरुद्ध मोर्चा बंदी कर ली है । हालांकि अस्पताल मानव जीवन के लिए बहुत जरूरी है लेकिन भाकियू तोमर गुट के लोगों का ये कहना है की इस निजी अस्पताल के निर्माण से लोगों का फायदा नहीं बल्कि नुकसान होगा।आखिर ऐसा क्यों कह रहे हैं भारतीय किसान यूनियन (तोमर) के कार्यकर्ता। पढ़िए पूरी खबर और जानिए।भगवानपुर के समीप करोंदी स्थित एक निजी अस्पताल पर भाकियू तोमर ने नदी की भूमी पर अवैध निर्माण करने का बड़ा आरोप लगाते हुए बताया कि बरासत मे यह नदी अपना रोद्र रूप दिखाती है जिसमे पहाड़ी क्षेत्र से आने वाले भारी पानी के उफान से सैकड़ो गाँव बाढ़ की चपेट मे आ जाते है और किसानों की फसले तक बरबाद हो जाती है वही इस नदी की भूमी के पट्टे पर निर्माण होना कोई खतरे से खाली नहीं है ऐसे मे यदि यह बिल्डिंग तैयार हो जाती है और वही भारी वर्षा से नदी मे भारी उफान की वजह से इस बिल्डिंग के गिरने की आशंका पैदा हो सकती है जिसमे जनहानि भी हो सकती है भाकियू तोमर द्वारा आरोप लगाया गया कि यह निर्माण तमाम मानको को ताक पर रखकर किया जा रहा है जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।आपको बता दे कि रुड़की मे एक अस्पताल द्वारा सोलानी नदी की भूमि में निर्माण करने का भाकियू तोमर ने बड़ा आरोप लगाया है। साथ ही ऐलान किया है कि इस मामले को लेकर वह दो दिन बाद रुड़की विकास प्राधिकरण कार्यालय का घेराव करेंगे।रामपुर चुंगी स्थित कार्यालय पर आयोजित बैठक में प्रदेश अध्यक्ष सचिन चौधरी ने कहा कि जहां विकास प्राधिकरण आम आदमी को अपने घर में छोटा मोटा काम करने में भी अड़चन पैदा करता है तो वहीं देहरादून रोड पर करौंदी के समीप स्थित एक अस्पताल को अवैध निर्माण पर चुप्पी साधे बैठा है। आरोप लगाया कि उक्त अस्पताल प्रबंधन ने नदी की भूमि में भवन का निर्माण कर लिया। वहीं उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर दशहरे के बाद रुड़की विकास प्राधिकरण कार्यालय में घेराव कर धरना दिया जाएगा।