काशिफ़ सुल्तान। सिटी न्यूज नेटवर्क।पिछले 10 साल से लगातार चल रही फैक्ट्री एक माह पहले अचानक बंद हो जाती है जबकि फैक्ट्री के लाइसेंस का नवीनीकरण भी 4 अक्टूबर 2024 को कराया गया था जो कि अगस्त में होना था हरिद्वार जिले में दो ही बड़ी फैक्ट्रीयों को घी बनाने का केंद्रीय लाइसेंस दिया गया है इसमें एक पतंजलि है और दूसरी भोले बाबा ऑर्गेनिक डेरी मिल्क फैक्ट्री।2 अगस्त 2014 को इस कंपनी को घी बनाने के लिए केंद्रीय लाइसेंस दिया गया था 2014 से यह फैक्ट्री अब तक घी बना रही है लेकिन तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में इस्तेमाल होने वाले घी का मामला सामने आते ही फैक्ट्री बंद हो जाती है और 4 अक्टूबर को कंपनी के मालिक इस फैक्ट्री के लाइसेंस को दोबारा रिन्यू कर लेते हैं।आपको बता दें कि तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद प्रकरण का 20 सितंबर को खुलासा हुआ था मामले में टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी जय श्यामला राव ने घी में जानवरों की चर्बी इस्तेमाल होने की बात मानी थी अब सवाल यह उठ रहा है कि मामला सामने आते ही भगवानपुर में फैक्ट्री को बंद कर सामान क्यों हटा दिया गया जबकि इससे कुछ समय पूर्व ही यहां से तिरुपति बालाजी मंदिर के लिए घी भी सप्लाई किया गया था।विभागीय जानकारी के मुताबिक फैक्ट्री के पास केंद्रीय लाइसेंस है ऐसे में राज्य स्तरीय टीम या जिला स्तरीय टीम को यहां जांच करने से पहले एफएसएसएआई की अनुमति लेनी पड़ती है जिले की टीम ने कुछ समय पहले ही इस मामले की अनुमति केंद्रीय टीम से मांगी थी अनुमति तो मिल गई लेकिन राज्य स्तरीय टीम को फैक्ट्री में खाली रैपर के अलावा कुछ भी नहीं मिला।ऐसे में अगले ही दिन यानि सोमवार को केंद्रीय टीम यहां जांच के लिए पहुंच गई केंद्रीय खाद्य सुरक्षा की टीम ने भगवानपुर पहुंचकर जिस तरह से छापा मारा इसे लग रहा था कि स्थानीय टीम की जांच रिपोर्ट संदिग्ध मानी जा रही है क्योंकि स्थानीय खाद्य सुरक्षा विभाग का कोई भी अधिकारी इसमें शामिल नहीं था खाद्य सुरक्षा अधिकारी से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि केंद्रीय टीम के आने की उन्हें सूचना है लेकिन वह हरिद्वार में है।सूत्रों का कहना है कि तिरुपति बालाजी के प्रसाद में चर्बी मिलने की रिपोर्ट सामने आने के कुछ दिन पूर्व ही फैक्ट्री से घी की आपूर्ति की गई थी स्थानीय जांच टीम की रिपोर्ट को संदिग्ध मानते हुए केंद्रीय टीम अब खुद इस मामले की जांच कर रही है कंपनी के कागजात समेत फैक्ट्री में तैयार हुए घी के भी नमूने लिए जा रहे हैं कितने दिन पूर्व फैक्ट्री में घी बना है इसकी जांच सबसे अहम मानी जा रही है क्योंकि फैक्ट्री स्वामी का कहना है कि बीते एक महीने से कंपनी में घी बना ही नहीं जबकि जांच में सामने आ रहा है कि करीब 20 से 25 दिन पूर्व ही यहां से घी की आपूर्ति हुई थी।