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निकाय चुनाव को लेकर सामने आया मंत्री का ताजा बयान

उत्तराखंड निकाय चुनाव अपने आप में एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है लगभग एक साल पूरा हो गया है निकाय खत्म हुए लेकिन अभिब्तक भी प्रदेश की भाजपा सरकार निकाय चुनाव नही करवा पाई है किसी न किसी मुद्दे को लेकर जहां भाजपा सरकार निकाय चुनाव टालती आ रही है वहीं कांग्रेस भी हमलावर है ये कहते हुए की भाजपा को पता है की वो सभी निकाय हार रही है इसलिए चुनाव नही करवाना चाहती हालांकि लोकसभा चुनावों में मिली जबरदस्त जीत से भाजपा कार्यकर्ताओं में जो उत्साह था वो भी कम होता नजर आ रहा है निकाय चुनावों में देरी को लेकर।प्रदेश सरकार जहां कई बार हाई कोर्ट में के चुकी है निकाय चुनाव करवाने को प्रतिबद्ध है और उसमे तारीख भी बताई जा चुकी है लेकिन कोर्ट की अगली तारीख में किसी न किसी बात को लेकर निकाय चुनाव की तारीखों को आगे बढ़ाया जाता रहा है।कभी उत्तराखंड में बरसात को लेकर तो कभी किसी न किसी मामले को लेकर निकाय चुनाव आगे बढ़ाए जा रहे हैं।कांग्रेस का कहना है की अब प्रदेश के सभी निकायों में भाजपा की हालत खराब है इसलिए वो निकाय चुनाव करवाने से कतरा रही है।हालांकि अब इस मामले में मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का ताजा बयान सामने आया है।उत्तराखंड में नगर निकाय के चुनाव 2011 की जनगणना के आधार पर होंगे। विधानसभा में हुई प्रवर समिति की बैठक के बाद शनिवार को शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने यह जानकारी दी। शहरी विकास मंत्री अग्रवाल ने कहा कि सरकार 2018 की तर्ज पर 2024 के निकाय चुनाव भी 2011 की मतगणना के आधार पर कराने जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रवर समिति की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की गई और यह निर्णय लिया गया है। विदित है कि गैरसैंण विधानसभा सत्र के दौरान पेश किए गए नगर निकाय संशोधन विधेयक को प्रवर समिति के हवाले कर दिया गया था।भाजपा विधायकों की मांग थी कि नगर निकाय संशोधन विधेयक में ओबीसी सर्वे के लिए मानक तय किए जाएं। ताकि राज्य के बाहर से आए लोगों को राज्य में ओबीसी का लाभ न मिल पाए। इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी की ओर से शहरी विकास मंत्री प्रेचमंद अग्रवाल की अध्यक्षता में प्रवर समिति का गठन किया गया है।इस समिति की अभी तक तीन बैठकें हो चुकी हैं। पहले माना जा रहा था कि समिति की सदन में पेश होने वाली रिपोर्ट के आधार पर पारित होने वाले विधेयक के प्रावधानों के तहत निकाय चुनाव कराए जाएंगे। लेकिन अब साफ हो गया है कि निकाय चुनाव 2011 की जनगणना के आधार पर ही कराए जाएंगे।

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