काशिफ़ सुल्तान । रुड़की । निकाय चुनाव में हिला हवेली चलने से अब तो प्रत्याशियों के साथ साथ जनता भी परेशान होने लगी है क्योंकि बहुत से काम ऐसे हैं जो पूरे नहीं हो पा रहे हैं जिसके लिए सीधा जिम्मेदार सरकार को निकाय चुनाव में देरी के लिए जनता ठहरा रही है।रुड़की नगर निगम हो या मंगलौर नगर पालिका जब सिटी न्यूज नेटवर्क की टीम लोगों से बात करती है तो सभी का लगभग एक सा ही जवाब सुनने को मिलता है कि सरकार की मंशा चुनाव करने की है ही नहीं आज तक ऐसा देखा ही नहीं हमने की इस तरह से चुनाव करने में टाल मटोल की जाए।बुधवार को राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में कहा है कि निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण तय करने के लिए नया विधेयक ले आए हैं। बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने ओबीसी का आरक्षण तय करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई की। मामले की सुनवाई जारी रखते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी एवं न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार से सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति बीएस वर्मा की आरक्षण संबंधी रिपोर्ट कल गुरुवार सात नवंबर यानी आज लिखित रूप में पेश करने को कहा है।हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कहा कि निकायों में आरक्षण तय करने के लिए हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति वर्मा की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है, जिसकी रिपोर्ट अब शासन को मिल चुकी है। इसके बाद राज्य सरकार ओबीसी आरक्षण तय करने के लिए नया विधेयक ले आई है।हाईकोर्ट ने सरकार को कमेटी की रिपोर्ट लिखित रूप में पेश करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, याचिकाकर्ता रुद्रपुर निवासी रिजवान अंसारी की तरफ से कहा गया कि राज्य सरकार 2011 की जनगणना के अनुसार निकायों में आरक्षण निर्धारित कर रही है। साल 2018 के निकाय चुनाव इसी आधार पर कराए गए थे, लेकिन वर्तमान में पहाड़ के बजाय प्रदेश के मैदानी इलाकों में ओबीसी का वोट बैंक बढ़ा है। ऐसे में ओबीसी आरक्षण समिति की रिपोर्ट के आधार पर उन्हें 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए।राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि आरक्षण को लेकर राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी थी, जिसमें आपत्तियां मांगी गई थीं। अब इन आपत्तियों का निस्तारण हो चुका है। इस संबंध में रुद्रपुर निवासी रिजवान अंसारी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की हुई है।