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एनडीए के सहयोगी पशुपति पारस ने किया अमित शाह के संसद वाले बयान का विरोध

City News Network( Roorkee ) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के एक बयान को लेकर विवाद चल रहा है कि उन्होंने अंबेडकर का अपमान किया है. हालांकि एनडीए के सहयोगी दलों ने अमित शाह के बयान को सही ठहराते हुए उनका समर्थन किया जबकि पशुपति पारस ने बेगूसराय में रविवार (22 दिसंबर) को यह कहा कि संसद में जिस तरह के शब्दों का प्रयोग बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को लेकर हुआ है वो आपत्तिजनक है. अब इस पर बीजेपी और जेडीयू की ओर से प्रतिक्रिया आई है. बीजेपी ने यहां तक कह दिया है कि अगर कोई हमारे बड़े नेताओं का विरोध करेगा तो वो हमारा सहयोगी नहीं है .उधर जेडीयू ने भी क्लियर कट स्टेटमेंट दिया है. जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि पशुपति पारस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र में मंत्री बनाया, बिहार में नीतीश कुमार ने मंत्री बनाया. 243 सीटों पर तैयारी हर राजनीतिक दल करता है, लेकिन मूल प्रश्न यह है कि हम गठबंधन के घटक दल रहेंगे या नहीं? और गठबंधन के बगैर राजनीति संभव नहीं है यह स्पष्ट है. पशुपति पारस को तय करना है कि वह क्या करेंगे नहीं करेंगे, लेकिन एनडीए अपने रास्ते पर चल रहा है.नीरज कुमार ने कहा कि बिहार में अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए जो सरकार ने काम किया है वह देश में नजीर है. यह पशुपति पारस भी जानते हैं. देश में ऐसा कहीं नहीं हुआ जहां दलित समुदाय के व्यक्ति ने झंडा फहराया और मुख्यमंत्री ने उसे सैल्यूट किया. यह सिर्फ बिहार में ही मुमकिन है. नीरज कुमार से पूछा गया कि पशुपति पारस 243 सीट पर तैयारी कर रहे हैं. क्या गठबंधन में ऐसा स्वरूप है? इस पर उन्होंने कहा कि गठबंधन के घटक दलों के बीच 243 सीटों का बंटवारा होना है. जेडीयू या बीजेपी 243 सीट पर तैयारी करने लगे तो और घटक दल क्या करेगा?वहीं राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी से इस्तीफा देकर बाहर निकले पशुपति पारस के करीबी नेता चंदन सिंह ने कहा, “मैंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में जो भाषण दिया गया उसका पुरजोर समर्थन किया था. मैंने समर्थन इसलिए किया क्योंकि पशुपति पारस कहते थे कि वह एनडीए का हिस्सा हैं. स्वर्गीय रामविलास पासवान जी को भारतीय जनता पार्टी ने पद्म भूषण से सम्मानित किया. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को भारत रत्न दिया. बीजेपी ने ही पशुपति पारस को केंद्रीय मंत्री बनाया, लेकिन आज पशुपति कुमार पारस प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह का विरोध करते हैं. यह उचित नहीं है.”

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