भगवानपुर में 21 अप्रैल 2023 को बीडीसी की बैठक हुई थी।इसमें भाजपा की ब्लॉक प्रमुख करुणा र्कणवाल के अलावा कांग्रेस विधायक ममता राकेश और ब्लॉक प्रमुख के ताऊ व पूर्व विधायक देशराज र्कणवाल भी पहुंचे थे।इस दौरान पूर्व विधायक के संबोधन करने पर विधायक ममता राकेश ने आपत्ति जताई थी। जिस पर दोनों के बीच तीखी नोंकझोक और हंगामा हुआ था। यही नहीं मामले में धरने प्रदर्शन तक हुए थे।जिसके बाद कांग्रेस विधायक ममता राकेश की ओर से शासन- प्रशासन को 27 अप्रैल 2023 को ब्लॉक प्रमुख के खिलाफ शिकायत की गई थी।जिसमें आरोप लगाया था कि ब्लॉक प्रमुख खिलाफ शिकायत की थी जिसमें आरोप लगाया था कि ब्लॉक प्रमुख की जगह उनका काम पूर्व विधायक र्कणवाल कर रहे हैं, बीडीसी की बैठक का संचालन भी करने वाली कर रहे हैं,जो की पंचायती राज अधिनियम 2016 की धारा 138 का खुला उल्लंघन है। इसके बाद अन्य सदस्यों ने भी शिकायत की थी,जिस पर प्रारंभिक जांच अपर जिलाधिकारी प्रशासन हरिद्वार ने की। प्रथम द्रष्टया शिकायत सही पाए जाने पर उन्होंने एसडीम भगवानपुर जितेंद्र कुमार,वरिष्ठ कोषाधिकारी राकेश कुमार और तहसीलदार भगवानपुर दयाराम की संयुक्त जांच कमेटी गठित की।इस कमेटी ने जांच रिपोर्ट पर अपर जिलाधिकारी वित्त जितेंद्र नेगी ने कार्रवाई की रिपोर्ट पंचायती राज निदेशालय को प्रेषित की। इसके बाद निदेशालय ने ब्लॉक प्रमुख से स्पष्टीकरण तलब किया । लेकिन करुणा र्कणवाल संतोषजनक साक्ष्य और तथ्य प्रस्तुत नहीं कर पाई।इस पर निदेशक निधि यादव ने आदेश जारी करते हुए कहा कि जांच में स्पष्ट पाया गया है कि ब्लॉक प्रमुख ने स्वयं के ताऊ एवं पूर्व विधायक देशराज र्कणवाल को जानबूझकर बैठक में पदारूढ कर बैठक का संचालन आदि कराया,जो अधिनियम के प्रावधानों का खुला उल्लंघन है और पद का दुरुपयोग और गंभीर सदाचार की श्रेणी में आता है और लोक सेवक के रूप में क्षेत्र पंचायत प्रमुख से अपेक्षित नहीं है। दोषी पाए जाने पर ब्लॉक प्रमुख को अंतिम जांच होने तक तत्काल प्रभाव से उनके पद से निलंबित किया जाता है।