काशिफ़ सुल्तान (City News Network) तमिलनाडु की एस. योगेश्वरी की कहानी आज के युवाओं के लिए एक मिसाल बन चुकी है। एक साधारण परिवार में जन्मी और बेहद गरीबी में पली-बढ़ी यह लड़की आज देश के सबसे प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थान – आईआईटी बॉम्बे में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही है। खास बात यह है कि योगेश्वरी ने न सिर्फ बिना किसी कोचिंग के यह कठिन परीक्षा पास की, बल्कि JEE Advanced जैसी कठिन परीक्षा में उच्च रैंक भी हासिल की। यह उपलब्धि केवल मेहनत और आत्मविश्वास के बल पर संभव हो सकी।
योगेश्वरी के माता-पिता दिहाड़ी मजदूरी करते हैं और बड़ी मुश्किलों से घर चलाते हैं। उनका जीवन हमेशा संघर्षों से भरा रहा है। परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वे अपनी बेटी को किसी महंगे कोचिंग संस्थान में भेज पाते, लेकिन योगेश्वरी के भीतर पढ़ने का ऐसा जुनून था कि उसने खुद से ही किताबों के सहारे तैयारी की और अपने सपनों को आकार देना शुरू किया।
चौंकाने वाली बात यह है कि जब योगेश्वरी 12वीं कक्षा में पढ़ती थीं, तब तक उन्होंने JEE (Joint Entrance Examination) का नाम तक नहीं सुना था। यह उस सामाजिक व शैक्षणिक वातावरण को दर्शाता है जहाँ सूचना की पहुँच अब भी एक चुनौती है। लेकिन जब उन्हें इस परीक्षा की जानकारी मिली, तो उन्होंने ठान लिया कि वह इसमें सफल होकर दिखाएंगी।
योगेश्वरी की सफलता सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, यह उन हजारों-लाखों बच्चों के लिए प्रेरणा है जो सुविधाओं की कमी के कारण अपने सपनों से समझौता कर लेते हैं। यह कहानी बताती है कि अगर दृढ़ निश्चय, लगन और मेहनत हो, तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती। उन्होंने यह साबित किया कि सपनों की उड़ान गरीबी के पंखों से भी भरी जा सकती है, बस हौसला होना चाहिए।
आज जब योगेश्वरी आईआईटी बॉम्बे में पढ़ाई कर रही हैं, तो यह केवल उनके लिए नहीं, बल्कि उनके पूरे गाँव, उनके परिवार और उन सभी लड़कियों के लिए गर्व की बात है जो समाज की बेड़ियों में बंधकर अपने सपनों को छोड़ देती हैं। योगेश्वरी ने यह दिखाया है कि लड़कियाँ चाहे किसी भी पृष्ठभूमि से हों, अगर उन्हें मौका मिले तो वे दुनिया बदल सकती हैं।
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