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गाड़ी की छत पर लाश को बांधकर ले गयी बहन

शर्मसार करने वाली घटना

City News Network Roorkee।  कल्पना कीजिए उस बहन की दुविधा का जिसने अपने छोटे भाई को खो दिया हो और गरीबी की वजह से वो उसको अपने घर ले जाकर अंतिम संस्कार के लिए परेशान हो ।गरीबी से जूझती बहन ,भाई का शव और ले जाने की मजबूरी भी।एम्बुलेंस वालों ने मजबूरी देखते हुए मांगे 10 से 12 हजार रुपए जो कि उस मजबूर बहन के पास नहीं थे तो बहन ने taxi चालक को बुलाया और taxi की छत पर अपने छोटे भाई के शव को बांध कर 195 किमी दूर बांध कर ले गई।ये शर्मसार करने वाली घटना हुई है उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर में।ये महज़ एक घटना नहीं आज के लालची इंसान की फितरत की वो बेशर्म सच्चाई है जिसने देवभूमि को भी झकझोर दिया है। हल्द्वानी में एक कंपनी में काम करने वाले युवक ने विषैला पदार्थ खा लिया। युवक के साथ ही उसकी बहन भी काम करती है। भाई के शव को एंबुलेंस में गांव लेकर जाने के लिए बहन के पास पैसे नहीं थे, इस वजह से बहन गाड़ी की छत पर शव को बांधकर ले गई। इस घटना पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परिवार के साथ हुई घटना का संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर आर राजेश कुमार को पूरी घटना के विस्तृत जाँच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने घटना पर कड़ी नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न होने के कड़े निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर आर राजेश कुमार ने कहा कि पूरी घटना को लेकर सम्बंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया गया है। जांच में दोषियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।गरीबी के कारण तमोली ग्वीर बेरीनाग पिथौरागढ़ निवासी शिवानी हल्द्वानी में काम करने आई। वह हल्दूचौड़ में एक कंपनी में करीब छह महीने से काम कर रही थी। घर में माता-पिता एक भाई और एक बहन हैं। पिता बुजुर्ग होने के कारण पहाड़ में ही खेती बाड़ी करते हैं। उसने अपने भाई अभिषेक कुमार (20) पुत्र गोविंद प्रसाद को भी कंपनी में काम करने बुला लिया। दो महीने पहले ही अभिषेक हल्दूचौड़ पहुंचा। शिवनी हल्दूचौड़ में ही किराए के कमरे में रहती थी।शिवानी ने बताया कि शुक्रवार सुबह वह और भाई दोनों काम करने गए। एक घंटा काम करने के बाद अभिषेक ने सिर में दर्द होने की वजह से कंपनी से छुट्टी ली और घर गया। इसके बाद उसकी बहन ने उसे कई बार कॉल किया। लेकिन अभिषेक ने कॉल नहीं उठाई। दिन में खाना खाने के समय शिवानी घर गई, तो वहां दवाई की बदबू आ रही थी। लेकिन घर में कोई नहीं था।करीब ढ़ाई बजे पुलिस ने शिवानी को सूचना दी कि उसका भाई रेलवे पटरी के पास बेसुध गिरा है। पुलिस की मदद से अभिषेक को सुशीला तिवारी अस्पताल लाया गया। जहां डाॅक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उधर घर पर सूचना के बाद रिश्तेदार भी बेरीनाग से हल्द्वानी पहुंच गए। उधर शनिवार को पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया। शिवानी के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह शव को एंबुलेंस में घर ले जा सके। उसने एंबुलेंस वालों से पूछा तो किसी ने 10 तो किसी ने 12 हजार रुपये शव ले जाने के मांगे। उधर शिवानी ने पैसे की कमी के कारण अपने गांव के टैक्सी मालिक से संपर्क किया। इसके बाद शव को टैक्सी के उपर बांधकर बेरीनाग ले जाया गया। इस घटना के संबंध में मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में अधिकारियों ने बताया कि इस बात के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं कि राज्य में कहीं भी इस प्रकार की दुर्भाग्यपूर्ण घटना की पुनरावृति दुबारा न हो।

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