City News Network Roorkee मंगलौर नगर पालिका अध्यक्ष पद ओबीसी आरक्षित होने से कई ऐसे चेहरे हैं जिनको मायूसी हाथ लगी है हालांकि उन लोगों का कहना है कि वो अब अपने ओबीसी प्रत्याशी साथी का ही साथ देंगे कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराएंगे।आपको बता दें कि मंगलौर में चुनाव की हलचल शुरू होते ही City News Network की हमारी टीम भी वहां पर जनता के बीच सक्रिय हो चुकी है।हमारी टीम ने वहां पर जनता के बीच जाकर कई लोगों से अलग मोहल्लों में बातचीत की है और ये जानने की कोशिश की है कि काज़ी जी के खेमे से सबसे दमदार और मजबूती के साथ जनता के साथ खड़ा रहने वाला प्रत्याशी कौन है ? जवाब हैरान करने वाला था सभी ने एक ही नाम लिया।आपको जानकार हैरानी होगी कि काज़ी जी के समर्थकों में जो सबसे ज्यादा मजबूती के साथ सामने आ रहा है वो है चौधरी इस्लाम का।चौधरी इस्लाम पहले भी मंगलौर नगर पालिका अध्यक्ष रह चुके हैं और मंगलौर की जनता के मुताबिक जो विकास कार्य चौधरी इस्लाम ने अपने कार्य काल के दौरान करवा दिए थे उसके बाद कोई भी विकास कार्य मंगलौर में देखने को नहीं मिला है।हमारी टीम को कई ऐसे लोग भी मिले जिन्होंने कहा कि इस बार हमें अपनी गलती सुधारनी है किसी के बहकावे में आना ही नहीं है ,गलती क्या हुई आप लोगों से पूछने पर जवाब मिलता है कि हमारी सबसे बड़ी गलती चौधरी इस्लाम को पिछले इलेक्शन में वोट न देना था ओवर इस गलती की सजा हम सभी को आज तक मिल रही है अब तो हमे बस एक ही चेहरा समझ में आता है चौधरी इस्लाम और बस।नौजवानों से बात करने पर हमें पता चला कि काज़ी निजामुद्दीन खेमे से सिर्फ चौधरी इस्लाम ही ऐस व्यक्ति हैं जिनसे कोई भी कभी भी जाकर डायरेक्ट मिल सकता है।कई नवयुवकों का कहना तो यहां तक था कि जब कभी हमें अपने चेयरमैन से कोई काम पड़ता था तो हम चौधरी इस्लाम के घर पे भी चले जाते थे किसी सिफारिश की या किसी को साथ ले जाकर बात करने की कभी कोई जरूरत नहीं पड़ी लेकिन उनके बाद हमे इतनी ज्यादा परेशानियों का सामन करना पड़ा है कि बता नहीं सकते।कुछ लोग ये भी कहते मिले कि हमने तो वोट चौधरी इस्लाम को ही दिया था लेकिन हमारे ही कुछ भाइयों की आंखों पर ऐसी पट्टी बांध दी गई थी कि उनको सही और गलत का फर्क नजर नहीं आया लेकिन अब वो पट्टी खुल चुकी है और हमारे चेयरमैन चौधरी इस्लाम के अलावा कोई और नहीं है हम काज़ी जी से दरख्वास्त करते हैं कि वो चौधरी इस्लाम को ही चुनाव लड़ाएं।इन सभी में कई ऐसे भी थे जिनका कहना था कि अगर वो चौधरी इस्लाम इलेक्शन नहीं लड़ेंगे तो वो लोग वोट ही नहीं देंगे।अपना कीमती वोट खराब करने से अच्छा है कि इसको अपने पास ही रख लिया जाए कम से कम किसी गलत आदमी को वोट दे कर उसके गलत कामों में हिस्सेदार बनने से बेहतर यही है कि वोट न दिया जाए।